भारतीय संविधान में राज्य के नीति-निर्देशक तत्व इस बात की परिकल्पना करते हैं कि राज्य लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने का प्रयास इतने प्रभावी ढंग से करेगा जिसमें न्याय; सामाजिक, आर्थिक और राजनितिक, राष्ट्र के सभी संस्थानों तक पहुंचेगा | योजना के मूल उदेश्यों को चार प्रमुख शीर्षों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे कि आधुनिकीकरण, रोजगार के साथ विकास, समावेशिता, स्थिरता| योजना विकास की प्रक्रिया को पहचानने के लिए उत्सुक रहती है जो जीवन स्तर को बढ़ाए और लोगों के लिए एक संपन्न और अधिक समृद्ध जीवन के नये अवसर खोले | हमारे देश की संघीय लोकतान्त्रिक प्रकृति राज्यों की सक्रीय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास का आह्वान करती है | राज्य स्तर पर योजना प्रक्रिया स्थानीय निकायों / स्व सरकारों के साथ दोहरे संचार चैनलों के साथ एक प्रभावी अंतराफलक स्थापित करके सहकारी संघवाद को बढ़ावा देती है | यह इन निकायों के साथ सरंचित और नियमित बातचीत के लिए एक मंच प्रदान करती है | |
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